जादुई मनी प्लान्ट (moral stories for childrens in hindi)
इस कहानी (hindi kahaniyan) में, मैं आपको श्यामलाल के बेटे, बहू और ढोलकपुर गाँव के अपने पड़ोसियों के मनी प्लांट से जुड़ी नैतिक कहानी (moral stories for childrens in hindi)बता रहा हूँ, आपको जरूर मज़ा आएगा।
एक दिन श्यामलाल बोला----- अरे चंदन अब तो शादीशुदा हो गया है सिलाई सीख ले। चंदन दिनभर गांव में घूमता रहता था । कभी-कभी एक-दो घंटे अपने पिताजी के साथ सिलाई सीख लेता था।
कुछ दिनों बाद चंदन के पिता की मृत्यु हो जाती है ,सिलाई का सारा काम चंदन ने संभालना शुरू कर दिया । कुछ सालों तक चंदन का काम ठीक चलता रहा लेकिन फिर चंदन पूरे दिन खाली बैठा रहता था ।
लोग कुर्ता पहनना धीरे-धीरे कम कर दे रहे थे ।
एक दिन चंदन अपनी पत्नी से कहता है---- धंधा बिल्कुल नहीं चल रहा है लोग रेडीमेड कपड़े खरीदे हैं । कपड़े सिलवाने वाले लोग बहुत कम बचे हैं समझ नहीं आ रहा क्या करूं।
उसकीं पत्नी बोली -----आप यह सिलाई करना बंद करो हमारे पास एक छोटी सी बगिया है इस बगिया में छोटे-छोटे पौधे हैं। आप इस पौधों को बेचना शुरू करो ।
चंदन बोला----- पागल हो गई हो ,पेड़ -पौधे कौन खरीदेगा ?
उसकी पत्नी बोली -----आजकल सभी लोग अपने घर गमले रखना चाहते हैं । इसलिए पौधों के साथ-साथ मिट्टी के गमले बना कर भी बेच सकते हैं।
एक बार कोशिश करके देखने में हर्ज क्या है? वैसे भी इस काम के लिए कोई बड़ा इन्वेस्टमेंट तो चाहिए भी नहीं।
चंदन अपनी पत्नी के कहने पर गुलाब ,गेंदा ,तुलसी के छोटे-छोटे पौधे बेचना शुरू करता है।
एक दिन जब चंदन गांव में पौधे बेचने जाता है , उस दिन उसकी कमाई नहीं होती है ।
वह अपनी पत्नी से बोलता है---- 100 रुपए की कमाई हुई है आज ।
उसकी पत्नी बोली -----कोई बात नहीं ,अब आप शहर जाओ।
अगले दिन सुबह चंदन शहर में पौधे बेचने जाता है। शहर के लोग चंदन के हरे पौधे हाथों हाथ ले लेते हैं।
चंदन की अच्छी कमाई हो जाती है ,वह बहुत खुश होता है। और खुश होकर घर वापस लौट जाता है ।
उसकी पत्नी बोली -----आज अच्छी कमाई हुई है, इसलिए आप खुश नजर आ रहे हैं।
चंदन बोला ------हां , तुम्हारा आईडिया काम कर गया । शहर के लोग गमले के दीवाने हैं , शहर के प्रत्येक लोग के घर में मैंने गमले देखे हैं ।
उसकी पत्नी बोली -----शहर के लोग उल्लू होते हैं पहले पेड़ पौधे काटकर घर बना लेते हैं और बाद में गमले रखकर छोटे पौधे लगाकर समझते हैं कि वह हरे भरे हैं ।
चंदन हर रोज अपनी पत्नी के लिए कुछ ना कुछ लेकर आता। कभी सूट, कभी साड़ी, कभी कुंडल।
एक दिन पड़ोस वाली गीता चंदन के घर आती है और बोली -----भाभी जी थोड़ी चीनी दे देना हमारे घर खत्म हो गई है ,पारसो लाकर लौटा देंगे ।
चंदन की बीवी बोली -----आप बैठिये मैं तुरंत लाती हूं , चंदन की बीवी चीनी लाने अंदर चली जाती है तभी गीता की नजर चंदन की बीवी की रखी साड़ियों की कलेक्शन पर पड़ती है, और कहती है, हे भगवान ! इतनी सारि साड़ियां।
गीता चीनी लेकर बहुत गुस्से से अपने घर जाती है और अपने पति रवि से कहती है -----चंदन भैया की तरह कोई अच्छा काम धंधा करो निकम्मा पड़े रहते हो घर पर।
उसका पति रवि बोला ------यह चंदन पौधे बेचकर अमीर होता जा रहा है, मैं ऐसे आराम कर रहा हूं तो क्या दिक्कत है पौधे बेचने की।
रवि एक दिन रात में चंदन की बगिया में छड़ी लेकर घुस जाता है और सारे पौधे उखाड़ डालता है।
सुबह चंदन और पत्नी जब बगिया में आते हैं और देखते हैं किसी ने सारे पेड़ पौधे उखाड़ दिए हैं । तब उसकी पत्नी बोलती है ----- हे भगवान ! यह सब किसने किया दोनों बगिया में बैठकर रोने लगते हैं । तभी वहां एक देवी प्रकट होती हैं ।
देवी चंदन को एक मनी प्लांट का पौधा देती हैं और कहती हैं -----यह कोई साधारण मनी प्लांट नहीं है ।
इसके हर पत्ते के साथ एक 2000 की नोट निकलेगा। यदि इसे किसी ने चुराया तो उसके लिए परिणाम भयानक होंगे ऐसा कह कर देवी गायब हो जाती हैं ।
चंदन मनी प्लांट को अपने घर में रखता है । पौधे में रोजाना एक पत्ती आता और पत्ते के साथ 2000 का नोट आता ।
अगले एक महीने में चंदन के पास ₹60000 इकट्ठा हो जाता है । उन पैसों से चंदन एक नया बगिया लगा लेता है । और दोबारा पौधे बेचने का धंधा शुरू कर देता है।
एक दिन रवि, चंदन की बगिया देखकर बोला ----- चंदन के पास इतने पैसे कहां से आए , यह फिर से पहले से अच्छा बगिया लगा लिया।
एक रात रवि चुपके से छिपकर चंदन के घर में देखता है---- चंदन और चंदन की पत्नी आपस में बात कर रहे थे।
चंदन की पत्नी बोलती है कि----- यह मनी प्लांट रोज ₹2000 दे देता है ,तो आपको काम करने की क्या जरूरत है ।
चंदन बोला----- देवी ने हमें यह मनीप्लांट इसलिए नहीं दिया है कि हम लोग आलसी होकर बैठ जाएं ।
यह सब बातें हैं रवि सुन लेता है और रात में जब चंदन और उसकी पत्नी सो रहे होते हैं ,रवि चंदन के घर में घुस जाता है और मनी प्लांट को चुरा लेता है।
और मनी प्लांट को एक बक्से में बंद करके रख देता है और कहता है कि कल इसमें ₹2000 का नोट निकलेगा और जोर जोर से हंसता है ।
और अपने घर में भागने लगता है ।
रवि की पत्नी डंडे से सांपों को हटाती है और मनी प्लांट रवि को लाकर दे देती है, और कहती है----- इस मनी प्लांट को चंदन भैया को ले जाकर वापस दे दीजिए, इसमें कुछ गड़बड़ है।
रवि चंदन के घर ले जाकर चंदन से माफी मांगने लगता है ।
चंदन जैसे ही मनी प्लांट को हाथ में लेता है--- रवि के घर से सभी सांप गायब हो जाते हैं और चंदन रवि से पूछता है कि ऐसा काम क्यों किया ?
रवि बोला ----मेरे पास कोई काम धंधा नहीं है ,चंदन बोला -----जब ऐसी बात है तो मुझे पहले बताना चाहिए था।
मैं तुम्हें पौधे बेचने का काम सिखाऊंगा । कुछ पैसे तुम्हें उधार देकर तुम्हारी बगिया लगाऊंगा अब चंदन और रवि साथ-साथ पौधे बेचने का काम करने लगते हैं।
उम्मीद है इस कहानी को पढ़कर आपको जो नैतिक शिक्षा(moral stories lesson) मिली है उसे आप अपनी जिंदगी में जरूर सीखेंगे। धन्यवाद!
जादुई मनी प्लांट की कहानी(moral stories for children in hindi)
ढोलकपुर गांव में श्यामलाल अपने बेटे तथा बहू के साथ रहता था। श्यामलाल धोती कुर्ता सिलने का काम करता था।एक दिन श्यामलाल बोला----- अरे चंदन अब तो शादीशुदा हो गया है सिलाई सीख ले। चंदन दिनभर गांव में घूमता रहता था । कभी-कभी एक-दो घंटे अपने पिताजी के साथ सिलाई सीख लेता था।
कुछ दिनों बाद चंदन के पिता की मृत्यु हो जाती है ,सिलाई का सारा काम चंदन ने संभालना शुरू कर दिया । कुछ सालों तक चंदन का काम ठीक चलता रहा लेकिन फिर चंदन पूरे दिन खाली बैठा रहता था ।
लोग कुर्ता पहनना धीरे-धीरे कम कर दे रहे थे ।
एक दिन चंदन अपनी पत्नी से कहता है---- धंधा बिल्कुल नहीं चल रहा है लोग रेडीमेड कपड़े खरीदे हैं । कपड़े सिलवाने वाले लोग बहुत कम बचे हैं समझ नहीं आ रहा क्या करूं।
उसकीं पत्नी बोली -----आप यह सिलाई करना बंद करो हमारे पास एक छोटी सी बगिया है इस बगिया में छोटे-छोटे पौधे हैं। आप इस पौधों को बेचना शुरू करो ।
चंदन बोला----- पागल हो गई हो ,पेड़ -पौधे कौन खरीदेगा ?
उसकी पत्नी बोली -----आजकल सभी लोग अपने घर गमले रखना चाहते हैं । इसलिए पौधों के साथ-साथ मिट्टी के गमले बना कर भी बेच सकते हैं।
एक बार कोशिश करके देखने में हर्ज क्या है? वैसे भी इस काम के लिए कोई बड़ा इन्वेस्टमेंट तो चाहिए भी नहीं।
चंदन का नया व्यापार
चंदन अपनी पत्नी के कहने पर गुलाब ,गेंदा ,तुलसी के छोटे-छोटे पौधे बेचना शुरू करता है।
एक दिन जब चंदन गांव में पौधे बेचने जाता है , उस दिन उसकी कमाई नहीं होती है ।
वह अपनी पत्नी से बोलता है---- 100 रुपए की कमाई हुई है आज ।
उसकी पत्नी बोली -----कोई बात नहीं ,अब आप शहर जाओ।
अगले दिन सुबह चंदन शहर में पौधे बेचने जाता है। शहर के लोग चंदन के हरे पौधे हाथों हाथ ले लेते हैं।
चंदन की अच्छी कमाई हो जाती है ,वह बहुत खुश होता है। और खुश होकर घर वापस लौट जाता है ।
उसकी पत्नी बोली -----आज अच्छी कमाई हुई है, इसलिए आप खुश नजर आ रहे हैं।
चंदन बोला ------हां , तुम्हारा आईडिया काम कर गया । शहर के लोग गमले के दीवाने हैं , शहर के प्रत्येक लोग के घर में मैंने गमले देखे हैं ।
उसकी पत्नी बोली -----शहर के लोग उल्लू होते हैं पहले पेड़ पौधे काटकर घर बना लेते हैं और बाद में गमले रखकर छोटे पौधे लगाकर समझते हैं कि वह हरे भरे हैं ।
चंदन हर रोज अपनी पत्नी के लिए कुछ ना कुछ लेकर आता। कभी सूट, कभी साड़ी, कभी कुंडल।
एक दिन पड़ोस वाली गीता चंदन के घर आती है और बोली -----भाभी जी थोड़ी चीनी दे देना हमारे घर खत्म हो गई है ,पारसो लाकर लौटा देंगे ।
चंदन की बीवी बोली -----आप बैठिये मैं तुरंत लाती हूं , चंदन की बीवी चीनी लाने अंदर चली जाती है तभी गीता की नजर चंदन की बीवी की रखी साड़ियों की कलेक्शन पर पड़ती है, और कहती है, हे भगवान ! इतनी सारि साड़ियां।
गीता चीनी लेकर बहुत गुस्से से अपने घर जाती है और अपने पति रवि से कहती है -----चंदन भैया की तरह कोई अच्छा काम धंधा करो निकम्मा पड़े रहते हो घर पर।
उसका पति रवि बोला ------यह चंदन पौधे बेचकर अमीर होता जा रहा है, मैं ऐसे आराम कर रहा हूं तो क्या दिक्कत है पौधे बेचने की।
रवि एक दिन रात में चंदन की बगिया में छड़ी लेकर घुस जाता है और सारे पौधे उखाड़ डालता है।
चंदन को मिलेगा मनी प्लांट
सुबह चंदन और पत्नी जब बगिया में आते हैं और देखते हैं किसी ने सारे पेड़ पौधे उखाड़ दिए हैं । तब उसकी पत्नी बोलती है ----- हे भगवान ! यह सब किसने किया दोनों बगिया में बैठकर रोने लगते हैं । तभी वहां एक देवी प्रकट होती हैं ।
देवी चंदन को एक मनी प्लांट का पौधा देती हैं और कहती हैं -----यह कोई साधारण मनी प्लांट नहीं है ।
इसके हर पत्ते के साथ एक 2000 की नोट निकलेगा। यदि इसे किसी ने चुराया तो उसके लिए परिणाम भयानक होंगे ऐसा कह कर देवी गायब हो जाती हैं ।
चंदन मनी प्लांट को अपने घर में रखता है । पौधे में रोजाना एक पत्ती आता और पत्ते के साथ 2000 का नोट आता ।
अगले एक महीने में चंदन के पास ₹60000 इकट्ठा हो जाता है । उन पैसों से चंदन एक नया बगिया लगा लेता है । और दोबारा पौधे बेचने का धंधा शुरू कर देता है।
एक दिन रवि, चंदन की बगिया देखकर बोला ----- चंदन के पास इतने पैसे कहां से आए , यह फिर से पहले से अच्छा बगिया लगा लिया।
एक रात रवि चुपके से छिपकर चंदन के घर में देखता है---- चंदन और चंदन की पत्नी आपस में बात कर रहे थे।
चंदन की पत्नी बोलती है कि----- यह मनी प्लांट रोज ₹2000 दे देता है ,तो आपको काम करने की क्या जरूरत है ।
चंदन बोला----- देवी ने हमें यह मनीप्लांट इसलिए नहीं दिया है कि हम लोग आलसी होकर बैठ जाएं ।
यह सब बातें हैं रवि सुन लेता है और रात में जब चंदन और उसकी पत्नी सो रहे होते हैं ,रवि चंदन के घर में घुस जाता है और मनी प्लांट को चुरा लेता है।
और मनी प्लांट को एक बक्से में बंद करके रख देता है और कहता है कि कल इसमें ₹2000 का नोट निकलेगा और जोर जोर से हंसता है ।
रवि को मिला सांप वाला मनी प्लांट
सुबह उठकर रवि बक्सा खोलता है और देखता है कि बक्सा सांपों से भरा पड़ा है और बक्से से लगातार साँप निकलने लगते हैं । सांप रवि के ऊपर चढ़ जाते हैं और रवि चिल्लाने लगता है -----बचाओ ! बचाओ !और अपने घर में भागने लगता है ।
रवि की पत्नी डंडे से सांपों को हटाती है और मनी प्लांट रवि को लाकर दे देती है, और कहती है----- इस मनी प्लांट को चंदन भैया को ले जाकर वापस दे दीजिए, इसमें कुछ गड़बड़ है।
रवि चंदन के घर ले जाकर चंदन से माफी मांगने लगता है ।
चंदन जैसे ही मनी प्लांट को हाथ में लेता है--- रवि के घर से सभी सांप गायब हो जाते हैं और चंदन रवि से पूछता है कि ऐसा काम क्यों किया ?
रवि बोला ----मेरे पास कोई काम धंधा नहीं है ,चंदन बोला -----जब ऐसी बात है तो मुझे पहले बताना चाहिए था।
मैं तुम्हें पौधे बेचने का काम सिखाऊंगा । कुछ पैसे तुम्हें उधार देकर तुम्हारी बगिया लगाऊंगा अब चंदन और रवि साथ-साथ पौधे बेचने का काम करने लगते हैं।
इस कहानी से हम जो सीखते हैं ,वह यह है कि सफल होने के लिए हमें सही दिशा में- परिश्रम करना चाहिए और हमें किसी और का नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए।
उम्मीद है इस कहानी को पढ़कर आपको जो नैतिक शिक्षा(moral stories lesson) मिली है उसे आप अपनी जिंदगी में जरूर सीखेंगे। धन्यवाद!
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